मेहरबाँ थी ज़िन्दगी इस क़दर हम पर
दो पल सकून भी दुश्वार रहा
कट गयी उम्र गुज़रा मन्ज़र जैसे
मौत का वक़्त भी जानिब मेरे उधार रहा
-------पूजा अग्रवाल
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Comments (1)
Rocky Paul
Apr 29, 2018, 6:27:46 PM
Nice Pooja. :)
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